माँ केर ममता होई अछि जेना सागर ,
कखनो न ख़ाली होई अछि इ गागर ,
फूसीयो जो कखनो हम रुसी जायेत छि ,
आबी -आबी देखू कोना हमरा मनाबथी,
सदिखन हमर ओ त हिम्मत बढआबथी ,
बाट क सदिखन दूर करतीं अँधियारा ,
माँ लेल बच्चा होई अछि बड़ प्यारा ,
सत्य क मार्ग ओ त सदिखन देखाबथी,
राइत में जखन हमरा नींन नै आबे ,
लोरी बैस क सगरो राइत वो सुनाबथी ,
जखन- जखन भय सां हम घबराबी,
हाथ में आँचल हुनके त हम पाबी ,
माँ त होइत अछि सब गुण केर आगर,
माँ केर ममता होई अछि जेना सागर ,
'' रूबी झा ''
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